गुरुवार, 28 मई 2009

प्यार का कमरा हो प्यारा

वास्तु के अनुरूप बनाएँ बेडरूम
बेडरूम वो जगह है, जहाँ दंपत्ति एक-दूसरे के साथ अंतरंग पल गुजारते हैं। पति-पत्नी के प्यार का साक्षी यह कक्ष ऐसा होना चाहिए, जिसमें प्रवेश करते ही उन्हें एक असीम शांति का अनुभव हो।
आपका बेडरूम यदि वास्तु के अनुरूप हो तो वह आपके संबंधों व कार्यशैली पर भी प्रभाव डालेगा। मधुर दांपत्य जीवन व पावारिक कलह से निजात पाने के लिए बेडरूम को बनावट व साज-सज्जा वास्तु के अनुरूप होनी चाहिए।
यदि हम रात को चैन की नींद सोते हैं तो हमारा दिनभर अच्छा गुजरता है परंतु कई बार बिस्तर पर करवटें बदलने में ही हमारी रात गुजर जाती है और तनाव में पूरा दिन बीत जाता है। वास्तु के अनुसार यह सब कुछ बेडरूम की दिशा सही नहीं होने से होता है।
कभी भी बेडरूम में बेड के सामने टीवी या ड्रेसिंग टेबल नहीं होना चाहिए। वास्तु के हिसाब से यह अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे किसी तीसरे व्यक्ति की उपस्थिति का आभास होता है।
* क्या कहता है वास्तु :-
दीर्घकालीन दांपत्य सुख की प्राप्ति के लिए गृहस्वामी का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम अथवा पश्चिम दिशा में होना चाहिए। गृहस्वामी के बेडरूम को 'मास्टर बेडरूम' कहते हैं। यह कक्ष आयताकार तथा उसमें अटैच लेट-बाथ उत्तर-पश्चिम दिशा में होना वास्तु के अनुसार अच्छा होता है।
दरवाजे व खिड़कियाँ किसी भी कक्ष का महत्वपूर्ण भाग होते हैं। इन्हीं से कक्ष में सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। वास्तुदोष से बचने के लिए बेडरूम का मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। ध्यान रहें कि इस कक्ष के दक्षिण-पश्चिम कोने में कोई खिड़की न हो।
कई बार कक्ष की साज-सज्जा करते समय हम उसकी हर दीवार व कोनों को सामान व डेकोरेटिव चीजों से पूरा भर देते हैं ताकि वो सुंदर लगे। वास्तु के अनुसार मास्टर बेडरूम को पूरा फर्नीचर से भरना अच्छा नहीं माना जाता। इस कक्ष में कम से कम व वजन में हल्का फर्नीचर रखना बेहतर होता है।
* जिस पर हम ले सकें चैन की नींद :-
बेडरूम का मुख्य आकर्षण 'बेड' होता है। बेडरूम में बेड की दिशा पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। वास्तु के अनुसार आपके बेड का अधिकांश हिस्सा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
बेड पर सोते समय हमेशा दिशा का ध्यान रखना चाहिए। दंपत्ति का सिर दक्षिण में तथा पैर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। कभी भी बेडरूम में बेड के सामने टीवी या ड्रेसिंग टेबल नहीं होना चाहिए। वास्तु के हिसाब से यह अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे किसी तीसरे व्यक्ति की उपस्थिति का आभास होता है। वास्तु के अनुसार यदि बेडरूम का निर्माण व साज-सज्जा की जाए तो प्यार के इस कक्ष से हमेशा प्यार ही बरसेगा और आपका वैवाहिक संबंध मधुर व दीर्घायु बनेंगे। 'वास्तु' कोई जादू या टोना-टोटका नहीं है बल्कि दिशाओं का खेल है। घर का अस्त-व्यस्त पड़ा सामान सही दिशा में रखने से यदि हमारे जीवन में कोई सकारात्मक परिवर्तन आता है तो उससे अच्छी बात और क्या होगी?

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